ये पत्ते, हरे पत्ते देखते हैं जमीं पर गिरे पीले पत्ते ये पत्ते, हरे पत्ते देखते हैं जमीं पर गिरे पीले पत्ते
जब सिक्के हमने बोये थे फसल हो जाये अच्छी हमारी। जब सिक्के हमने बोये थे फसल हो जाये अच्छी हमारी।
अपना सा मुँह लेकर बेचारे, घर को चुपचाप लौट गये। अपना सा मुँह लेकर बेचारे, घर को चुपचाप लौट गये।
आतंकवाद का खात्मा कर दो। आतंकवाद का खात्मा कर दो।
कल से होगी फिर महँगाई भईया कुछ दिन बाद हार जीत होगी बुराई फिर भईया कल से होगी फिर महँगाई भईया कुछ दिन बाद हार जीत होगी बुराई फिर भईया
गम ही तो है साथी जो हर मौसम में साथ निभाता है गम ही तो है साथी जो हर मौसम में साथ निभाता है